| ‘O‚Ö | ŽŸ‚Ö | “Œ‹ž‚Ö–ß‚é | 2018”Ni•½30”Nj‚Ö |
| ‚P‰ñí |
| —§ŽuŽÉ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚P | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| Šâ‘q | ‚P | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚w | ‚S | |||
| –¾¯ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ”ª‰¤Žq | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚w | ‚Q | |||
| ‹ÑéŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| —§³‘å—§³ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚Q | ‚w | ‚R | |||
| ‘åXŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚R | ‚O | ‚O | ‚S | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‹î‘å‚ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |||
| “Œ‹ž¬“¿‘å‚ | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | |
|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ŒŠC‘å›¶ | ‚Q | ‚W | ‚U | ‚S | ‚w | 20 | |
| ”ª‰¤Žq–k | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚P | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ÷”ü—Ñ | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚T | ‚O | ‚O | ‚P | ‚W | ||
| ‹¤‰hŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |
|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ñ¼Šwäq‘å•t | ‚O | ‚U | ‚R | ‚O | ‚P | 10 | |
| Š‹ü–ì | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “Œ‘å˜a | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚Q | |||
| ”‹´ | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚R | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚U | ƒ^ƒCƒuƒŒ[ƒN | |||||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| –n“cH | ‚T | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ‚V | ||||||
| ¬£ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ú‘Ì‘å‰`Œ´ | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚w | ‚T | |||
| ‘—§ | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚P | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚T | ƒ^ƒCƒuƒŒ[ƒN | ||||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| Œ[–¾Šw‰€ | ‚P | ‚O | ‚P | ‚O | ‚Q | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚U | |||||
| “약 | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ‚O | ‚O | ‚R | ‚O | ‚O | ‚T | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| •¶‹ž | ‚P | ‚O | ‚R | ‚O | ‚R | ‚P | ‚O | ‚P | ‚w | ‚X | |||
| á’J | ‚P | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚R | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ’鋞 | ‚Q | ‚R | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ‚P | ‚O | ‚w | ‚W | |||
| Œñ¬Šw‰€ | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚S | ‚O | ‚U | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘n‰¿ | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚R | ‚O | ‚P | ‚P | ‚V | |||
| –¾Šw“Œ‘ºŽR | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘ˆî“cŽÀ | ‚S | ‚O | ‚O | ‚R | ‚O | ‚O | ‚w | ‚V | ||
| •{’†¼ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚Q | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘ñ‘åˆê | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚P | ‚R | ‚O | ‚R | ‚X | ||
| ³‘¥Šw‰€ | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚T | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “c–³ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
| ‘‘åŠw‰@ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| 铌 | ‚O | ‚O | ‚O | ‚R | ‚O | ‚O | ‚P | ‚S | ‚W | ||
| ˆÀ“cŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚S | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ú‘åˆê | ‚Q | ‚P | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚S | ‚O | ‚w | ‚X | |||
| ‘«—§Šw‰€ | ‚P | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚T | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘«—§V“c | ‚P | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚U | ‚P | ‚O | ‚w | 10 | |||
| –¾‘å’†–ì | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚S | ‚O | ‚T | 10 | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “Œ‹ž“sŽs‘å “™X—Í |
‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ||
| ¬æü | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚Q | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ŠÖ“Œˆê | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚R | |||
| ‘ÛŠî“‹³ ‘å‚ |
‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚P | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘ŽmŠÚ | ‚Q | ‚P | ‚P | ‚O | ‚O | ‚R | ‚P | ‚W | ||
| ¬ŽR‘ä | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ||||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| º˜a‘æˆêŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚R | ||||
| “ú–{³ªÙȽ | ‚P | ‚S | ‚P | ‚R | ‚W | 17 | |
|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘åŽRŠ—“c–Ú• Šw‰@˜Z‹½H‰È |
‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |
| •Бq | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚P | ‚O | ‚Q | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| C“¿ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
| –Ú”’Œ¤S | ‚R | ‚O | ‚O | ‚O | ‚R | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚V | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ú‘åŽO | ‚R | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚T | |||
| •£] | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚R | ‚P | ‚O | ‚O | ‚S | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ŒˆŸŠw‰€ | ‚S | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ‚O | ‚Q | ‚w | 10 | |||
| ¬•½¼ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ‚R | ‚O | ‚O | ‚P | ‚U | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ŠCé | ‚O | ‚P | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | |||
| ‘Šw‰@‹v‰äŽR | ‚O | ‚R | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚S | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ŽÀ‘HŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
| é–k | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚P | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚S | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ¬—§Šw‰€ | ‚S | ‚O | ‚P | ‚T | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚w | 10 | |||
| ]ŒËì | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ¢“c’JŠw‰€ | ‚O | ‚R | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚w | ‚S | |||
| ‚Q‰ñí |
| ³‘¥Šw‰€ | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚S | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| 铌 | ‚P | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚Q | ‚w | ‚U | |||
| y³z ”ò“n\ˆÀ“¡ |
| yéz Œ“¼\ŽOD |
| ‘«—§V“c | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚R | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ú‘åˆê | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | |||
| y‘«z ‘êŒûA¬ò\“¡“c |
| y“úz Šâ£\‰³ŒË |
| –¾‘å’†–ì | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ŠÖ“Œˆê | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚w | ‚S | |||
| y–¾z ‹e’n\X–{ |
| yŠÖz “y‰®\’JŒû |
| º˜a‘æˆêŠw‰€ | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚Q | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘ŽmŠÚ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚w | ‚S | |||
| yºz •—ŒËAŠÙ\“y‰® |
| y‘z ”’{AŽRè\‹g“cA‘ò–ì |
| –Ú”’Œ¤S | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ú–{³ªÙȽ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚P | ‚O | ‚w | ‚Q | |||
| y–Úz ‹Ê–Ø\ŽR“c |
| y“úz ŒÜ\—’\•Ÿ“c |
| [–{] ´…i“új |
| •Бq | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚Q | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ŒˆŸŠw‰€ | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚P | ‚O | ‚w | ‚S | |||
| y•Ðz ‚’ÃAŽR‰ºAX’J\¼‰i |
| y“Œz Ä“¡A×–ì\•½—Ñ |
| ¬•½¼ | ‚O | ‚O | ‚R | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚P | ‚U | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘Šw‰@‹v‰äŽR | ‚U | ‚R | ‚Q | ‚O | ‚P | ‚Q | ‚w | 14 | ||
| y¬z –ìèAÎìKA—Ñ“c\ŠÖ’J |
| y‘z ‚‰ºA–â–îA_ŽR\‹{è |
| [–{] ’†‘ò’mi‘j |
| ¢“c’JŠw‰€ | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚U | ‚O | ‚P | ‚X | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ¬—§Šw‰€ | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚R | |||
| y¢z דc\HŽR |
| y¬z ‰Í–ìA¼‹v•ÛA–Ø\“¡“c |
| Šâ‘q | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚R | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ”ª‰¤Žq | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | |||
| yŠâz ‹{—¢Aâ–{A‹ù“c\‰¬–ì |
| y”ªz –k‘òA•“à\âŒû |
| [–{] ˆÀ•”iŠâj |
| ‘åXŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚R | ‚O | ‚O | ‚R | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| —§³‘å—§³ | ‚T | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚R | 10 | ||
| y‘åz ²X–Ø‘åA‘ò“cA²X–Ø•à\•“c |
| y—§z ŒÃéA’JŒû\aŒû |
| [–{] ‘ –{i—§j |
| ÷”ü—Ñ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚Q | ‚S | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ŒŠC‘å›¶ | ‚O | ‚Q | ‚Q | ‚O | ‚P | ‚O | ‚U | 11 | ||
| y÷z Ä“¡A˜a‹vˆäA‰i“cA“n•Ó\ŽR–{—ç |
| y“Œz ’†‘ºWA“¡ˆä\¬ŽR |
| “Œ‘å˜a | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ñ¼ŠwŽÉ‘å•t | ‚O | ‚S | ‚O | ‚P | ‚O | ‚T | 10 | ||
| y“Œz ¬Ž›A²“¡AŠÝ\‘Š“c |
| y“ñz ŠC˜VŒ´\ŽR“c |
| [–{] –쑺i“ñj |
| –n“cH | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚R | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ú‘Ì‘å‰`Œ´ | ‚Q | ‚Q | ‚O | ‚P | ‚O | ‚Q | ‚Q | ‚O | ‚w | ‚X | |||
| y–nz ‘å‘òA‘ºŽRA²X–ØAˆÉ“¡\‘åì |
| y“úz ™–{\–ìŒû |
| •¶‹ž | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚S | ‚S | ||||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| Œ[–¾Šw‰€ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ||||
| y•¶z ’‡‹T\’|‘º |
| yŒ[z “ñ‹{\Š}Œ´ |
| ‘n‰¿ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚P | ‚T | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ’鋞 | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚R | ‚U | |||
| y‘nz ŒÃìAù‰ªAŒÃì\™“c |
| y’éz “c‘ãA–öÀ@‹g“c\•lè |
| [–{] ‘å–ìi‘nj |
| ‘ˆî“cŽÀ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚R | ‚T | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘ñ‘åˆê | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |||
| y‘z ˆÉ“¡\’·’Jì |
| y‘ñz Ö“¡AˆÀ¼A‚‹´\—é–Ø |
| ‚R‰ñí |
| —§³‘å—§³ | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| Šâ‘q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚w | ‚R | |||
| y—§z ŒÃéA’JŒû\aŒû |
| yŠâz ‹ù“cA‹{—¢\‰¬–ì |
| “ñ¼ŠwŽÉ‘å•t | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ŒŠC‘å›¶ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚w | ‚Q | |||
| y“ñz ŠC˜VŒ´A‘å’ë\ŽR“c |
| y“Œz ’†‘ºW\¬ŽR |
| “ú‘Ì‘å‰`Œ´ | ‚Q | ‚Q | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚P | ‚Q | ‚O | ‚X | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| •¶‹ž | ‚P | ‚P | ‚O | ‚P | ‚P | ‚P | ‚P | ‚Q | ‚O | ‚W | |||
| y“úz ™–{A¯–ì\–ìŒû |
| y•¶z ’‡‹TAŒÃ“cAŒÃ–V\’|‘º |
| ‘ˆî“cŽÀ | ‚P | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚R | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ’鋞 | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
| y‘z ˆÉ“¡\’·’Jì |
| y’éz “c‘ãA–öÀ\•lè |
| [–{] Š–ìi‘j |
| ‘«—§V“c | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚S | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚U | ||||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| 铌 | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚P | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚P | ‚V | ||||
| y‘«z ‘êŒûA¬ò\“¡“c‹ž |
| yéz Œ“¼AŒ´ìAŒ“¼AŒ´ì\ŽOD |
| ‘ŽmŠÚ | ‚Q | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚T | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ŠÖ“Œˆê | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚P | |||
| y‘z ”’{A΋´\‘ò–ì |
| yŠÖz ’JA“y‰®\–ìŒû |
| “ŒˆŸŠw‰€ | ‚O | ‚R | ‚O | ‚P | ‚O | ‚S | ‚P | ‚Q | ‚O | 11 | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ú–{³ªÙȽ | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚S | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚V | |||
| y“Œz ×–ìA“Œ\•½—Ñ |
| y“úz ŒÜ\—’\•Ÿ“c |
| ‘Šw‰@‹v‰äŽR | ‚O | ‚T | ‚P | ‚R | ‚R | 12 | |
|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ¢“c’JŠw‰€ | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |
| y‘z ‚‰ºA–â–î\‹{è |
| y¢z דcA‰““¡AŒ´“cAדc\HŽR |
| €XŒˆŸ |
| 铌 | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘ŽmŠÚ | ‚Q | ‚O | ‚R | ‚O | ‚Q | ‚Q | ‚w | ‚X | ||
| yéz Œ“¼AŒ´ì\ŽOD |
| y‘z ”’{A΋´AŽRè\‘ò–ì |
| ‘Šw‰@‹v‰äŽR | ‚R | ‚O | ‚O | ‚O | ‚R | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚V | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ŒˆŸŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚R | ‚R | ‚R | ‚O | ‚w | 10 | |||
| y‘z ‚‰ºA–â–îA‚‰º\‹{è |
| y“Œz Ä“¡A×–ì\•½—Ñ |
| “ŒŠC‘å›¶ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚Q | ‚O | ‚R | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| Šâ‘q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
| y“Œz ’†‘ºW\¬ŽR |
| yŠâz ‹{—¢\‰¬–ì |
| ‘ˆî“cŽÀ | ‚U | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚Q | 10 | ||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ú‘Ì‘å‰`Œ´ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚P | ||
| y‘z ˆÉ“¡A‘OK’n\’·’Jì |
| y“úz ™–{A¼Œ´\–ìŒû |
| [–{] ˆÉ“¡i‘j |
| €ŒˆŸ |
| “ŒŠC‘å›¶ | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚R | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘ˆî“cŽÀ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | |||
| y“Œz ’†‘ºW\¬ŽR |
| y‘z ˆÉ“¡\’·’Jì |
| “ŒˆŸŠw‰€ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| ‘ŽmŠÚ | ‚P | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚R | ‚w | ‚T | |||
| y“Œz ×–ì\•½—ÑAŒÃŒ¹ |
| y‘z ”’{A΋´AŽRè\‘ò–ì |
| [–{] •y“ci‘j |
| ŒˆŸ | i_‹{j |
| ‘ŽmŠÚ | ‚S | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚S | |||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| “ŒŠC‘å›¶ | ‚O | ‚O | ‚O | ‚O | ‚Q | ‚O | ‚O | ‚P | ‚O | ‚R | |||
| y‘ŽmŠÚz | ‘Å | ˆÀ | “_ | y“ŒŠC‘å›¶z | ‘Å | ˆÀ | “_ | ||||||||||||
| (“ñ) | •ì | ‚S | ‚P | ‚O | (“ñ) | Γc | ‚T | ‚P | ‚O | ||||||||||
| (‰E)ˆê | “n•ÓL | ‚Q | ‚O | ‚O | (’†) | ¡] | ‚T | ‚P | ‚O | ||||||||||
| (¶) | •y“c | ‚S | ‚O | ‚O | (•ß) | ¬ŽR | ‚T | ‚P | ‚O | ||||||||||
| (ˆê) | •‘ò | ‚S | ‚P | ‚P | (ˆê) | ™è | ‚T | ‚Q | ‚O | ||||||||||
| ()‰E | ¼Žº | ‚O | ‚O | ‚O | (—V) | ¬£ | ‚T | ‚P | ‚O | ||||||||||
| (’†) | X’† | ‚S | ‚P | ‚O | (ŽO) | ’†‘ºŸ© | ‚S | ‚Q | ‚O | ||||||||||
| (•ß) | ‘ò–ì | ‚R | ‚O | ‚O | (¶) | ‘å—¢ | ‚Q | ‚P | ‚O | ||||||||||
| (—V) | Š™“c | ‚R | ‚P | ‚R | (‰E) | —é–Ø | ‚Q | ‚P | ‚O | ||||||||||
| (“Š) | ”’{ | ‚Q | ‚O | ‚O | (“Š) | ’†‘ºW | ‚S | ‚P | ‚Q | ||||||||||
| ()‘Å | H¶ | ‚P | ‚O | ‚O | › | U | ‹… | ‹] | “ | Žc | F | F | F | ||||||
| ()“Š | ŽRè | ‚O | ‚O | ‚O | ‚P | ‚Q | ‚Q | ‚Q | 11 | 37 | 11 | ‚Q | |||||||
| (ŽO) | ŽR“c | ‚R | ‚O | ‚O | “ŠŽè | ‰ñ | ˆÀ | ||||||||||||
| ()ŽO | ‰“ŽR | ‚O | ‚O | ‚O | ’†‘ºW | ‚X | ‚S | ||||||||||||
| › | U | ‹… | ‹] | “ | Žc | F | F | F | |||||||||||
| ‚U | ‚Q | ‚P | ‚O | ‚Q | 30 | ‚S | ‚S | ||||||||||||
| “ŠŽè | ‰ñ | ˆÀ | |||||||||||||||||
| ”’{ | ‚U | ‚V | |||||||||||||||||
| ŽRè | ‚R | ‚S | |||||||||||||||||
|
[–{] [ŽO] Š™“ci‘j [“ñ] ™èi“Œj [•¹] [–\] “Œ‚P [ޏ] ‘‚Q |
|||||||||||||||||||